શુક્રવાર, 23 નવેમ્બર, 2012



आपका हार्दिक स्वागत है,शभु भोलेनाथ की इछा हुई तो कार्तिकी पूर्णिमा के अवसर पर,जो आजसे  हम औदिच्य जन्म दिवस के नाम से मनायेगे.उशी दिन से औदिच्य नगर की स्थापना दिन बनायेगे.अगर आप औदिच्य नगर के मेम्बर बनाना चाहते हो तो आपका नाम फोटो आई डी के साथ अपना नामाकन करा सकते है ऊशी मेशे गवर्निग बोर्ड बनाकर ज्यादा से ज्यादा सभासद बनाकर महतम शुल्क पे सोसाईटी बनायेगे. 

जो सभासद बनेगे उनके लिए मकान खरीदना जरुरी नहीं.नगर के अगर १० लाख सभासद होगे तो सभी को औदिच्य नगर के जब चाहे तब महेमान बन कर अपने ग्नाती बंधू से सभी अवसर पर साथ मिलकर हर्षो उलाससे मनायेगे.दीपावली,स्थापना दिन श्रावण मास, अधिक  मास,बलेव सभी शुभ  अशुभ अवसर पर एक कोटुमबिक भावनासे संप की भावना बढे इशी उदेश्से आगे सबको लेकर बढ़ना ये ही हमारा मकसद होगा 

सभी सभासद और ओनर मकान के होगे उनका नगर के कारोबार मै एक जेशा ही अधिकार  होगा.नगर का रहन सहन तो फ़क्त एक बसा हुआ सहर देखने के मकसद से बनाया नहीं गया सभी अदिच्या ब्रह्मिनो को ये अहेसास हो ने लगे के ये हमारा सहर है जब हम गुजरात मै आये थे ऊशी याद के लिए  ये सहर का निर्माण किया गया है.यहाँ पर युवको और युवतियों के लिए छात्रालय बनाये जायेगे संस्कृत पाठशाला होगी.धर्मिक सिक्षा के साथ वेद,गीता,भागवत,रूद्र जेसे धार्मिक उनुस्थान और धार्मिक पर्व मनाया जायेगा.२१ की सदी की एक अदभुत नगरी बनायेगे जिसकी गिनती काशीसे होगी  आपका घनश्याम जानी  



औदिच्य सहस्त्र ब्राह्मिन फौन्डेसन एक स्वप्न कभी तो साकार होगा .हम जब सिध्हपुर पाटन की घरती पर पाव रखते है तभी हमारे अन्दर रोम रोम से पुकार आती है ये मेरी मात्रु भूमि है जब हमारे परिवार का बसेरा यहाँ था और जब हमको वो छोड़ कर निकलना पड़ा वो समय कित्नेकी प्राण की आहुति  देनी पड़ी होगी उसके क्रियाकर्म भी पुरे करे थे के नहीं .
तब जो हो गया सो हो गया .पर आज हम सामर्थ्य हे की अपनी मात्रु  भूमि पर एक स्मारक चिन्ह रचित करे और जो जो औदिच्य ब्राह्मण जब जब  सिध्हपुर पाटन की घरती पर पाव रखेगा तब उनको उपना घर आया है उशिका एहेसास होगा।
इस मध्यम से मै  सभी औदिच्य सहस्त्र ब्राह्मिन भाई ओ से इस स्वप्न को साकार करने के लिए अपना मंतव्य दे .साकार न कर सके तो देख तो सकते हो जो कभी साकार हो सके ...........आपनो घनश्याम जानी